ज़ख्म दिल पे
हमे न तुम सतावो ....जख़्म दिल पर खाये हुए है
दर्द -ए–सितम को .... राज दिल में छुपाये हुए है
यूँ ही रूठकर हर बार .... दूर जाने की बात करती थी न तुम
लो आज हो गए जुदा .... अब ताउम्र गम उठाये हुए है।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला - महासमुन्द (छःग)
Sachin dev
03-Apr-2022 11:02 PM
बहुत खूब
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Abhinav ji
03-Apr-2022 10:47 PM
Nice
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Gunjan Kamal
03-Apr-2022 05:32 PM
बहुत खूब
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